Shodashi Secrets

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हरिप्रियानुजां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥७॥

वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—

आस्थायास्त्र-वरोल्लसत्-कर-पयोजाताभिरध्यासितम् ।

दक्षाभिर्वशिनी-मुखाभिरभितो वाग्-देवताभिर्युताम् ।

The devotion to Goddess Shodashi is usually a harmonious combination of the pursuit of attractiveness and the quest for enlightenment.

ह्रीं‍मन्त्राराध्यदेवीं श्रुतिशतशिखरैर्मृग्यमाणां मृगाक्षीम् ।

काञ्चीपुरीश्वरीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥१०॥

॥ अथ श्री त्रिपुरसुन्दरीवेदसारस्तवः ॥

दृश्या स्वान्ते सुधीभिर्दरदलितमहापद्मकोशेन तुल्ये ।

श्रीचक्रान्तर्निषण्णा गुहवरजननी दुष्टहन्त्री वरेण्या

हंसोऽहंमन्त्रराज्ञी हरिहयवरदा हादिमन्त्रार्थरूपा ।

सर्वोत्कृष्ट-वपुर्धराभिरभितो देवी समाभिर्जगत्

यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी हृदय स्तोत्र संस्कृत में

In essence, Goddess Shodashi more info represents the divine prospective in just just about every unique, guiding them on a route of inner splendor, wisdom, and spiritual fulfillment. Her existence within the life of devotees conjures up them to hunt harmony, follow compassion, and tactic existence with gratitude and humility.

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